Wednesday 29 November 2017

तेरा रंग ..

तुम्हारे इश्क़ के रंग में रंगी हूँ ऐसी ,,कोई और रंग सुहाता ही नही ,,,
देखो ना इस भरी महफ़िल में बिन तुम्हारे कोई भाता ही नही,
सब कह रहे है इसे तो मन्नत के सिवा कुछ आता ही नही,
अब क्या समझाऊँ उनको मेरी हर मन्नत पूरी ही मन्नत से होती है,
खुशकिस्मत हूँ कि मोहब्बत तुमसे है ,,!!
ये जो मोहब्बत के पल है ना , वो यही है मेरे ही पास हमेशा सहेजे हुए ,,और वही रहेंगे चाहो जब मांग लेना ,,!!
तुम मेरे खुदा हो तुमसे ही मांगा मैने अंधेरों में साथ ,,
और कर दी तुमने रोशनी ,थाम के मेरा हाथ !!!

तुमने मुझे वो बनाया है जो मैं कभी नही थी ,,तुम वो नशा हो जिसमें मैं हमेशा के लिए मदहोश हो जाना चाहती हूं ,,
तुम्हारे नाम के सदके मैं रोज करती हूँ ,,
और सब कहते है इसे मन्नत के सिवा कुछ आता नही ..
इस कदर प्यार दिया है तुमने जिसे कभी ना भूल पाऊँगी ,, तुम्हारे हाथों की अमिट स्याही से लिखी हुई हमारे प्यार की इबारत मेरे दिल पर हमेशा लिखी रहेगी ..
मैंने जिस्म ओढ़ रखा है तुम्हारा, तुम लिबास से हो ,,
मेरा कमरा खुशबू हो गया है , तुम महकते हो सब जगह मुझमे भी ,,
क्या अब भी किसी को ये कहने की ज़रूरत है कि इसे मन्नत के सिवा कुछ आता ही नही .. !!😊

तेरा रंग ..

तुम्हारे इश्क़ के रंग में रंगी हूँ ऐसी ,,कोई और रंग सुहाता ही नही ,,,
देखो ना इस भरी महफ़िल में बिन तुम्हारे कोई भाता ही नही,
सब कह रहे है इसे तो मन्नत के सिवा कुछ आता ही नही,
अब क्या समझाऊँ उनको मेरी हर मन्नत पूरी ही मन्नत से होती है,
खुशकिस्मत हूँ कि मोहब्बत तुमसे है ,,!!
ये जो मोहब्बत के पल है ना , वो यही है मेरे ही पास हमेशा सहेजे हुए ,,और वही रहेंगे चाहो जब मांग लेना ,,!!
तुम मेरे खुदा हो तुमसे ही मांगा मैने अंधेरों में साथ ,,
और कर दी तुमने रोशनी ,थाम के मेरा हाथ !!!

तुमने मुझे वो बनाया है जो में कभी नही थी ,,तुम वो नशा हो जिसमें मैं हमेशा के लिए मदहोश हो जाना चाहती हूं ,,
तुम्हारे नाम के सदके मैं रोज करती हूँ ,,
और सब कहते है इसे मन्नत के सिवा कुछ आता नही ..
इस कदर प्यार दिया है तुमने जिसे कभी ना भूल पाऊँगी ,, तुम्हारे हाथों की अमिट स्याही से लिखी हुई हमारे प्यार की इबारत हमेशा लिखी रहेगी ..
मैंने जिस्म ओढ़ रखा है तुम्हारा, तुम लिबास से हो ,,
मेरा कमरा खुशबू हो गया है , तुम महकते हो सब जगह मुझमे भी ,,
क्या अब भी किसी को ये कहने की ज़रूरत है कि इसे मन्नत के सिवा कुछ नही आता .. !!😊

Saturday 11 November 2017

चलता हुआ वादा ...

चाहे तो इसे ठहरा हुआ वादा भी कह सकते हैं ,,,
उसनेे एक दिन वादा किया ,,मेरे दिन रात ,,समय हर पल सब तुम्हारा है ,,
जब तुम शहर में आओगी तो लोग मुझे खोजेंगे की में गायब कहाँ हूँ ,,तुमसे मिलने ,बातें करने से फुर्सत मिले तब उनसे मिलूंगा ना ,
खैर !! ज्यादा इंतज़ार नही करना पड़ा मैं तुम्हारे शहर आ ही गयी ,, तुम आये मिले गए ,,,
मेंरे वक़्त को वही रोककर ,, फिर बात हुई तुमने कहा सुबह फ़ोन करता हूँ ,, मैने कहा ठीक है ,, सुबह बात हुई थोड़ी देर में करता हूँ ,,
थोड़ी देर सुबह से शाम जितनी बड़ी होती है ये जानने में वक़्त लगा मुझे  ,,
तुम यहां आते हो ,,मिल के जाते हो कुछ पल  ,,
घड़ी के कांटो के ऊपर बैठकर ,, बातें हमारी तब भी नही होती ,
फिर तुम जाकर फ़ोन करते हो ,, ये कहने को की सुबह बात करता हूँ ,,
ये वादा जो तुमने किया था वो टुटा नही है ,, बस टाला जा रहा है आगे ,, तब तक टाला जाएगा जब तक वो दिन न आये जब मैं ये शहर छोड़ दूं ,,,  ओर हाँ मेने उस रविवार के सपने देखना छोड़ दिया है जिसके लिए तुमने कहा था सिर्फ तुम्हारा होगा ,,
और अब यहां नही आऊँगी कभी ,, इस शहर के सपने भी नही देखूंगी ,,
मुझे नफरत है इस चलते हुए वादे वाले शहर से ....