हाँ ये खत तुम्हारे लिए है ,,
हमें कुदरत ने मिलवाया तो है पर साथ रहने की लकीर दोनों के हाथों में अधूरी है ,,,
एक कहानी जिसे लिखना बाकी है,,
उसी का किरदार है हम दोनों ...
वैसे ईश्वर हमें मिलाता तो है ,, हमारी मुलाकात हो जाती है कई महीनों में एक बार ,,
जो ना मिलने के बराबर होती है ,,
सहजता से मिलना, औपचारिकता करना ,,
इससे ज्यादा तो मैं ख्वाबों में तुम्हारे करीब होती हूँ ,
मैं चाहती हूँ मिलते ही तुमसे लिपट जाऊं ,,
इस तरह की हम दो है ये समझने में सामने वाले को वक़्त लगे ,,
खैर !!
ये मिलने के आस पास वाला मिलना भी अच्छा है ,,
इससे सुकुन के आस पास का सुकुन भी मिल ही जाता है ...
एक ही जन्म की तो बात है अगले जन्म में ज़िन्दगी से पहले तुमको मांग लुंगी हमेशा हर जन्म के लिए ...
फिर हम उन सब जगहों पर जाएंगे जहाँ जाने के सपने हमने इस जन्म में देखे थे ,,
हम भी कुछ चंद प्रेमियों की तरह दूर रहने की तपस्या कर रहे है
क्या पता शायद हमें वरदान मांगने को मिल जाए और हम एक दूजे को मांग ले..
अब चलती हूँ , अभी तो और भी बहुत सोचना है न अगले जन्म में करने को ...
अलविदा :))
👍
ReplyDelete👌👌👌👌
ReplyDeleteGood one
Very gud, carry on
ReplyDeleteIn short
ReplyDeleteLove is complete...... even though its incomplete......
Awesomely written
Didi mast likha h...
ReplyDeleteखूबसूरत ख्याल।
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